Tuesday 28 August 2012

DESH KE SAARE SAMAJ SEVIYO / NETAO KO NAMAN KARNAA CHAHIYE IS DESH BHAGAT.... SENIOR CIZEN KO









आपको दगा देने वाले भी हजारो हज़ार मिल जायेंगे !
पूरे देश में सच्चे देश-भगत,कम ही मिल पाएंगे !
अगर मिल भी गए तो लोग हमे जा-पात पर लड़ वाएंगे !
हमे भडकायेंगे, लालच देंगे और कहेंगे की तुम्हे नेता बनवायेंगे !
हम कच्चे लालच में आ कर, आपस में लड़ेंगे -मरेंगे और दूर हो जायेंगे !
देश के दुश्मन, भ्रष्टाचारी, अपराधी और उग्ग्र्वादी कामयाब हो जायेंगे ! 

जिन्दगी की लो जलाये रखना,
भरोसे की आंधी चलाये रखना।
मिलेगी मंजिल भ्रष्टाचार मिटाने की,
अपने दिलो मे राष्ट्र-प्रेम समाय रखना।

जय हिंद !
जय भारत !
 वन्दे मातरम !
    वन्दे मातरम !

नरेश कुमार शर्मा "नरेश" 
http://www.facebook.com/SHARMAJINGOWALE
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DESH KE SAARE SAMAJ SEVIYO / NETAO KO NAMAN KARNAA CHAHIYE IS DESH 

BHAGAT.... SENIOR CIZEN KO

Monday 27 August 2012

नये त्यौहार की जानकारी ..... क्या ये नहीं है नई बिमारी ???


नये त्यौहार की जानकारी ..... क्या ये नहीं है नई  बिमारी ???

 दोस्तों आपको,  
हम और सभी आने वाले त्योहारों पर बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं देते है ! 
और कहते है की आने वाला प्रत्येक नया दिन, आपके जीवन में अनेकानेक सफलताएँ एवं अपार खुशियाँ लेकर आए! 
इस अवसर पर ईश्वर से यही प्रार्थना है कि वह, वैभव, ऐश्वर्य, उन्नति, प्रगति, आदर्श, स्वास्थ्य, प्रसिद्धि और समृद्धि के साथ आजीवन आपको जीवन पथ पर गतिमान रखे !!
लेकिन आज हमारे समाज और देश में एक नया फैस्टिवल / त्यौहार आया है , जिसके लिए हमें साल भर इंतज़ार करने की जरूरत भी नहीं पड़ती!
इस त्यौहार को जब चाहे जैसे चाहे मनाया जा सकता है ! सबसे अच्छी बात ये है इस त्यौहार के मनाने में , सरकार दिल खोल कर खर्च करती है , पूरी सुरक्षा मिलती है ! कई बार तो त्यौहार मानाने वले इतने खुश होते है और ख़ुशी  मनाने के लिए उनके पास आतिशबाजी / पटाखे इत्यादि नहीं होते ! जबकि ख़ुशी तो मनानी होती है इस लिए वो जो सरकारी वाहन / या अन्य प्रोपर्टी दिखाई पड़ती है उशी को आग के हवाले कर देते है और ख़ुशी मानते है ! चाहे इस में सरकार का कितना भी नुक्सान हो कोई नहीं सोचता ?? 
इस नए त्यौहार के नाम अलग-अलग है जैसे ...  धरना-पर्दर्शन / हड़ताल / घेराव ! 
पर काम एक ही है  ........समाज / देश के काम में रुकावट और नुकशान घौर नुकशान!   वैसे घूम-फिर कर वो नुक्सान ख़ुशी मानाने वालो के भाई-बंधो का ही  होता है ........ सरकार के पास कोई खजाना नहीं जहाँ  से खोद कर जब चाहे जैसे चाहे धन निकाल ले ??? 
दोस्तों जागो इस नए त्यौहार को मानना बन्द करो ??  इसमे कई लोग अपना-अपना गेम खेलते है और आम आदमी / जनता पिसती है जिसका बाद में पता लगता है ! जब पता लगता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है ???
दोस्तों  मेरे इस नए त्यौहार के लेख पर मेरे अपने कई खास दोस्त , रिश्तेदार और पडोसी भी नाराज़ हो सकते है ??
लेकिन समाज और देश हित में ये लिखना बहुत जरूरी है और था ! मै समाज और देश हित में उनकी नाराज़गी बर्दास्त करने को भी तैयार हूँ !

नरेश कुमार शर्मा "नरेश" 
https://www.facebook.com/editnote.php?draft&note_id=373755986025922&id=100001745710275
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धन्यवाद् सहित ..

Sunday 26 August 2012

नये त्यौहार की जानकारी ..... क्या ये नहीं है नई बिमारी ???


नये त्यौहार की जानकारी ..... क्या ये नहीं है नई  बिमारी ???

 दोस्तों आपको,  
हम और सभी आने वाले त्योहारों पर बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं देते है ! 
और कहते है की आने वाला प्रत्येक नया दिन, आपके जीवन में अनेकानेक सफलताएँ एवं अपार खुशियाँ लेकर आए! 
इस अवसर पर ईश्वर से यही प्रार्थना है कि वह, वैभव, ऐश्वर्य, उन्नति, प्रगति, आदर्श, स्वास्थ्य, प्रसिद्धि और समृद्धि के साथ आजीवन आपको जीवन पथ पर गतिमान रखे !!
लेकिन आज हमारे समाज और देश में एक नया फैस्टिवल / त्यौहार आया है , जिसके लिए हमें साल भर इंतज़ार करने की जरूरत भी नहीं पड़ती!
इस त्यौहार को जब चाहे जैसे चाहे मनाया जा सकता है ! सबसे अच्छी बात ये है इस त्यौहार के मनाने में , सरकार दिल खोल कर खर्च करती है , पूरी सुरक्षा मिलती है ! कई बार तो त्यौहार मानाने वले इतने खुश होते है और ख़ुशी  मनाने के लिए उनके पास आतिशबाजी / पटाखे इत्यादि नहीं होते ! जबकि ख़ुशी तो मनानी होती है इस लिए वो जो सरकारी वाहन / या अन्य प्रोपर्टी दिखाई पड़ती है उशी को आग के हवाले कर देते है और ख़ुशी मानते है ! चाहे इस में सरकार का कितना भी नुक्सान हो कोई नहीं सोचता ?? 
इस नए त्यौहार के नाम अलग-अलग है जैसे ...  धरना-पर्दर्शन / हड़ताल / घेराव ! 
पर काम एक ही है  ........समाज / देश के काम में रुकावट और नुकशान घौर नुकशान!   वैसे घूम-फिर कर वो नुक्सान ख़ुशी मानाने वालो के भाई-बंधो का ही  होता है ........ सरकार के पास कोई खजाना नहीं जहाँ  से खोद कर जब चाहे जैसे चाहे धन निकाल ले ??? 
दोस्तों जागो इस नए त्यौहार को मानना बन्द करो ??  इसमे कई लोग अपना-अपना गेम खेलते है और आम आदमी / जनता पिसती है जिसका बाद में पता लगता है ! जब पता लगता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है ???
दोस्तों  मेरे इस नए त्यौहार के लेख पर मेरे अपने कई खास दोस्त , रिश्तेदार और पडोसी भी नाराज़ हो सकते है ??
लेकिन समाज और देश हित में ये लिखना बहुत जरूरी है और था ! मै समाज और देश हित में उनकी नाराज़गी बर्दास्त करने को भी तैयार हूँ !

नरेश कुमार शर्मा "नरेश" 
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धन्यवाद् सहित ...