Saturday 5 November 2011

वन्देमातरम ! वन्देमातरम ! वन्देमातरम !





पूजे न शहीद गए तो फिर, यह पंथ कौन अपनाएगा ?
तोपों के मुँह से कौन अकड़ अपनी छातियाँ अड़ाएगा ??
चूमेगा फन्दे कौन, गोलियाँ कौन वक्ष पर खाएगा ???
अपने हाथों अपने मस्तक फिर आगे कौन बढ़ाएगा ????
पूजे न शहीद गए तो फिर आजादी कौन बचाएगा ?????
फिर कौन मौत की छाया में जीवन के रास रचाएगा ??????
पूजे न शहीद गए तो फिर यह बीज कहाँ से आएगा ???????
धरती को माँ कह कर, मिट्टी माथे से कौन लगाएगा ???????


वन्देमातरम ! वन्देमातरम ! वन्देमातरम ! 


आपके शुभाकान्ग्क्षी 
नरेश कुमार शर्मा "नरेश "

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