आप एक जि़म्मेदार नागरिक हैं और वातावरण के प्रति अपनी जि़म्मेदारियां समझते हैं। पटाखों का कुछ पल का मज़ा वातावरण में ज़हर घोल देता है। इनमें मौजूद नाइट्रोजन डाइआक्सादइड, सल्फवर डाइआक्साइड जैसे हानिकारक प्रदूषक अस्थमा व ब्रान्काघइटिस जैसी सांसों से संबंधी समस्याओं को जन्म देते हैं। लेकिन कुछ मापदंडों को अपनाकर, आप इन हानिकारक प्रदूषकों से बच सकते हैं।
कैसे बरतें सावधानी:----------------
• अगर आपको दमा या सांसों से संबंधी समस्याआ हैं, तो घर के अंदर ही रहें और धुंए से बचने का प्रयास करें। ऐसे में अगर आपको बाहर जाना ही है, तो अपनी दवाएं साथ रखें और मास्कप लगाकर बाहर जायें।
• दीपावली का समय आते ही लोग घर की साफ-सफाई में जुट जाते हैं और घर के बेकार सामानों को बाहर फेंक देते हैं। इनमें कुछ ऐसे सामान भी होते हैं, जो अजैविक होते हैं और वातावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे सामानों को इधर-उधर ना फेंकें।
• पटाखें छोड़ते वक़्त बच्चों को अकेला ना छोड़े ।
• पटाखों से निकलने वाली आवाज़ अत्यधिक ध्वनि प्रदूषण फैलाती हैं और यह स्वास्थय के लिए भी हानिकारक होती है। दीपावली में सबसे ज्यादा इस्तेमाल में सबसे ज्यादा तेज आवाज वाले पटाखे छोड़े जाते है .........
जो सभी के लिए खतरनाक है ....... जैसे वातावरण , इंसान , पशु पेड़ पोधे इत्यादी !
आपके शुभाकान्ग्क्षी
नरेश कुमार शर्मा "नरेश "
कैसे बरतें सावधानी:----------------
• अगर आपको दमा या सांसों से संबंधी समस्याआ हैं, तो घर के अंदर ही रहें और धुंए से बचने का प्रयास करें। ऐसे में अगर आपको बाहर जाना ही है, तो अपनी दवाएं साथ रखें और मास्कप लगाकर बाहर जायें।
• दीपावली का समय आते ही लोग घर की साफ-सफाई में जुट जाते हैं और घर के बेकार सामानों को बाहर फेंक देते हैं। इनमें कुछ ऐसे सामान भी होते हैं, जो अजैविक होते हैं और वातावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे सामानों को इधर-उधर ना फेंकें।
• पटाखें छोड़ते वक़्त बच्चों को अकेला ना छोड़े ।
• पटाखों से निकलने वाली आवाज़ अत्यधिक ध्वनि प्रदूषण फैलाती हैं और यह स्वास्थय के लिए भी हानिकारक होती है। दीपावली में सबसे ज्यादा इस्तेमाल में सबसे ज्यादा तेज आवाज वाले पटाखे छोड़े जाते है .........
जो सभी के लिए खतरनाक है ....... जैसे वातावरण , इंसान , पशु पेड़ पोधे इत्यादी !
आपके शुभाकान्ग्क्षी
नरेश कुमार शर्मा "नरेश "
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